अपार (ABC Card) क्या है? पूरी जानकारी हिंदी में
परिचय
भारत सरकार ने शिक्षा और कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएँ शुरू की हैं। इन्हीं में से एक पहल है "अपार कार्ड (ABC Card)", जिसे आधिकारिक रूप से Academic Bank
of Credits (ABC) कार्ड कहा जाता है। यह कार्ड छात्रों के लिए डिजिटल अकादमिक पहचान पत्र की तरह है, जिसमें उनकी शैक्षणिक उपलब्धियाँ और क्रेडिट्स (अंक) डिजिटल रूप से सुरक्षित रहते हैं।
अपार कार्ड कब शुरू हुआ?
अपार कार्ड की शुरुआत राष्ट्रीय
शिक्षा नीति (NEP 2020) के अंतर्गत की गई। शिक्षा मंत्रालय ने इसे 2021 से लागू करना शुरू किया और आज यह देशभर के विश्वविद्यालयों
और कॉलेजों में तेजी से अपनाया जा रहा है।
अपार कार्ड क्यों शुरू किया गया?
पहले छात्रों के अंक, प्रमाणपत्र और डिग्री अलग-अलग संस्थानों में बिखरे रहते थे।
- ट्रांसफर,
एडमिशन या नौकरी के समय इन्हें साबित करने में कठिनाई आती थी।
- कई बार डुप्लीकेट
या नकली सर्टिफिकेट की समस्या भी सामने आती थी।
इन समस्याओं को खत्म करने और शिक्षा प्रणाली को डिजिटल और पारदर्शी बनाने के लिए अपार (ABC) कार्ड शुरू किया गया।
इसकी ज़रूरत क्यों है?
- छात्रों के शैक्षणिक
रिकॉर्ड का डिजिटल संग्रह
- पढ़ाई के दौरान एक कॉलेज से दूसरे कॉलेज में क्रेडिट ट्रांसफर
की सुविधा
- समय और कागज़ात की बचत
- नकली सर्टिफिकेट
और डुप्लीकेट की रोकथाम
- राष्ट्रीय
स्तर पर एक यूनिक अकादमिक पहचान
कौन अप्लाई कर सकता है?
- भारत में पढ़ने वाला हर
छात्र (स्कूल से लेकर उच्च शिक्षा तक)
- सरकारी या प्राइवेट
विश्वविद्यालय/कॉलेज के विद्यार्थी
- वो सभी जिनकी पढ़ाई
UGC/AICTE/स्कूल बोर्ड से मान्यता प्राप्त संस्थान से हो रही है
अपार कार्ड के फायदे (Benefits)
1.
डिजिटल अकादमिक
पहचान – अब मार्कशीट, डिग्री और सर्टिफिकेट सुरक्षित रहेंगे।
2.
क्रेडिट ट्रांसफर – एक कॉलेज से दूसरे कॉलेज बदलने पर आपके अंक सुरक्षित रहेंगे।
3.
पारदर्शिता – नकली या फर्जी सर्टिफिकेट की समस्या खत्म।
4.
राष्ट्रीय स्तर पर पहचान – यह कार्ड पूरे देश में मान्य होगा।
5.
सरल उपयोग – नौकरी या उच्च शिक्षा में आवेदन करते समय केवल कार्ड से सभी जानकारी उपलब्ध।
अपार कार्ड के नुकसान
(Cons)
1.
डिजिटल डिवाइस/इंटरनेट पर निर्भरता – ग्रामीण क्षेत्रों में समस्या हो सकती है।
2.
गोपनीयता का सवाल – छात्रों का डेटा सुरक्षित रखना सरकार के लिए बड़ी चुनौती।
3.
तकनीकी जानकारी
की कमी – CSC या ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म का उपयोग सभी छात्रों के लिए आसान नहीं।
4.
धीमी अपनाने
की गति – अभी तक सभी विश्वविद्यालयों ने इसे पूरी तरह लागू नहीं किया है।
CSC के माध्यम
से आवेदन प्रक्रिया
यदि आप CSC (Common Service
Center) के जरिए अपार कार्ड बनवाना चाहते हैं, तो प्रक्रिया इस प्रकार है:
1.
नज़दीकी CSC सेंटर पर जाएँ।
2.
आधार कार्ड और मोबाइल नंबर साथ ले जाएँ।
3.
CSC ऑपरेटर ABC Card Portal पर आपका पंजीकरण करेगा।
4.
आपके मोबाइल नंबर पर OTP आएगा, जिससे सत्यापन होगा।
5.
सफल पंजीकरण के बाद आपका अपार कार्ड (ABC ID) जनरेट हो जाएगा।
CSC के अलावा आप स्वयं भी abc.gov.in पोर्टल पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
अपार कार्ड का उद्देश्य
(Motive)
अपार कार्ड का मुख्य उद्देश्य है –
- भारत में शिक्षा को डिजिटल
प्लेटफ़ॉर्म पर लाना।
- छात्रों को उनकी शैक्षणिक
यात्रा का एकीकृत और सुरक्षित रिकॉर्ड उपलब्ध कराना।
- शिक्षा प्रणाली को अधिक लचीला,
आधुनिक और पारदर्शी बनाना।
लेखक की राय
अपार (ABC) कार्ड एक भविष्यवादी कदम है, जो शिक्षा को डिजिटल और पारदर्शी बनाएगा। इससे छात्रों को न केवल अपने रिकॉर्ड सुरक्षित रखने में मदद मिलेगी बल्कि नौकरी और उच्च शिक्षा में भी आसानी होगी। हालाँकि, ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल जागरूकता और इंटरनेट कनेक्टिविटी अभी भी चुनौती है।
लेखक का विचार:
अगर सरकार डेटा सुरक्षा और ग्रामीण स्तर पर जागरूकता पर भी ध्यान दे, तो अपार कार्ड आने वाले समय में भारत की शिक्षा व्यवस्था में एक क्रांतिकारी बदलाव साबित होगा।
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